विधान परिषद

उत्तर प्रदेश विधान परिषद या उत्तर प्रदेश लेजिस्लेटिव काउंसिल, उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के द्विमासिक विधानमंडल का ऊपरी सदन है। उत्तर प्रदेश भारत के छः राज्यों में से एक है, जहां राज्य विधानमंडल द्विगुणित है, इसमें दो सदन शामिल हैं: विधान सभा (लेजिस्लेटिव असेंबली) और विधान परिषद (लेजिस्लेटिव काउंसिल)। विधान परिषद एक स्थायी सभा है, इसमें 100 सदस्य हैं।

द्वितीय सदन राज्य की विधायिका का महत्वपूर्ण घटक है। विधान निर्माण की प्रक्रिया में अपना बहुमूल्य सुझाव संशोधनों के माध्यम से प्रस्तुत करके यह सदन उल्लेखनीय योगदान देता है और प्रदेश के विकास के कार्यो में भी कार्यकारिणी का पथ-प्रदर्शन करने में एक अहम् भूमिका निभाता है। एक विधायी निकाय के रूप में जनता की मनोभावनाओं और आकांक्षाओं के अनुसार कार्य करते हुए जन सामान्य की समस्याओं को उजागर करने उनकी आकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं को मुखरित करने तथा उन्हें सरकार तक पहॅुचाने में उत्तर प्रदेश विधान परिषद् का एक सशक्त इतिहास रहा है।

राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन सम्बन्धी गतिविधियों का सूत्रधार है, जिससे शासन सम्बन्धी नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों को समुचित दिशा निर्देश मिलता है। यह जिस प्रकार अपनी विधायी भूमिका का निर्वहन करता हैं उससे यह स्पष्ट होता है कि यह किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिये वरदान स्वरूप है। वर्तमान राजनैतिक परिस्थिति में यह परम आवश्यक है कि प्रदेशों में उच्च सदन आवश्यक ही नहीं अपितु अपरिहार्य है और इन्हें सुदृढ़ बनाये जाने का हर संभव प्रयास होना चाहिये।

डॉ राजेश सिंह

प्रमुख सचिव

विधायी गतिविधि